नगर परिषद की भूमि विकास शाखा में 19 जनवरी की रात को आग लगाकर कई महत्वपूर्ण पत्रावलियों को जलाने के मामले की साजिश रचने में आयुक्त जगदीश खींचड़, पूर्व आयुक्त व भीनमाल पालिका के ईओ शिकेश कांकरिया, नगर परिषद के भूमि विकास शाखा के प्रभारी विनय विश्नाेई व कृषि शाखा के प्रभारी गणपत विश्नाेई की भूमिका सामने आई है। शुक्रवार देर रात को पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया है। कांकरिया दोपहर में जालोर तहसीलदार के पास किसी कार्य से आए थे। वहां मौजूद पुलिस दल ने उनको अपने साथ जीप में बिठा लिया। यातायात थाना में लाकर अन्य अधिकारियों के साथ उनकी भी गिरफ्तारी बताई गई है।
पुलिस के अनुसार गत 19 जनवरी को किसी ने नगरपरिषद में प्रवेश कर वहां पर रखे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में आग लगा दी थी। प्रारंभिक दृष्टि में ही आग किसी के द्वारा साजिश से लगाया जाना सामने आ रहा था, क्योंकि आग में तीन आलमारियों में पहले तथा तीसरे नंबर की आलमारी में रखे दस्तावेज जलकर नष्ट हुए थे, जबकि 2 नंबर यानी बीच वाली आलमारी को कोई नुकसान ही नहीं पहुंचा था। इस पर पुलिस ने पड़ताल के बाद जालोर निवासी व पत्रकार भंवरलाल मेघवाल व डिंगाव निवासी भंवरलाल विश्नाेई को गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में दोनों आरोपी कोर्ट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल में बंद हैं।
राजनीति को लेकर भी लग रहे हैं आरोप
जालोर कांग्रेस की राजनीति में इन समय दो गुट काफी हावी है। इसमें एक सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी तथा दूसरा पूर्व विधायक डॉ. समरजीतसिंह का है। पहले शिकेश कांकरिया जालोर में ही आयुक्त पद पर थे। इनका तबादला होने के बाद डॉ. समरजीतसिंह उनको भीनमाल ले गए थे। यहां पर कांकरिया आयुक्त थे। कांकरिया की गिरफ्तारी होते ही भीनमाल के कांग्रेस पार्षद जालोर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर आरोप भी लगाया कि यह सब कुछ पाराशर के इशारे पर हो रहा है।
सीएम के पूर्व ओएसडी पर फंसाने का आरोप
कांग्रेसी पार्षदों ने कांग्रेसी नेता पूर्व ओएसडी पुखराज पाराशर पर कांकरिया को लगाने फंसाने का लगाया। उन्हाेंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा। इसमें जालोर के कांग्रेसी नेता पुखराज पाराशर पर शिकेश कांकरिया को गलत तरीके एवं राजनीतिक दबाव से फंसाने का आरोप लगाया।